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Review Hindi

युवर्स ट्रुली रिव्ह्यु – अकेलापन, प्यार और आकांक्षाओं का खूबसूरत प्रस्तुतीकरण

Release Date: 09 Oct 2018

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  • Direction:
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Sukhpreet Kahlon

युवर्स ट्रुली फ़िल्म ५० वर्ष से अधिक आयु की महिला के भावनात्मक सफर की ऐसी अनोखी प्रस्तुति है जहाँ वो इस उम्र में दुनिया के साथ अपने रिश्ते को समझने की कोशिश कर रही है। इस फ़िल्म द्वारा अभिनेत्री सोनी राज़दान पहली बार मुख्य भूमिका साकार कर रही हैं।

संजोय नाग द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म एनी ज़ैदी द्वारा लिखित किताब 'लव स्टोरीज़ १ टू १४' की एक लघु कथा 'द वन दैट वाज़ अनाउंस्ड' पर आधारित है। कोलकाता में रहनेवाली इस ५० वर्ष से अधिक आयु के महिला के एकाकी जीवन की ये कहानी है। पहली बार मुख्य भूमिका निभा रहीं सोनी राज़दान के साथ इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी, आहना कुम्रा और फ़िल्मकार महेश भट्ट मेहमान कलाकार के रूप में नज़र आते हैं।

मीठी कुमार (सोनी राज़दान) एक सरकारी कर्मचारी है जो रोज़ वही जीवन जी रही है। अपने रोज़मर्रा के जीवन में घर से ऑफिस और फिर वापस घर आते हुए उसका बस एक ही चीज़ से रिश्ता जुड़ा है और वो है स्टेशन पर आती अनाउंसमेंट की आवाज़।

रोज़ की भीड़ भाड़ में वो इस आवाज़ के साथ अपने आप को जोड़ती है, जिसका कोई चेहरा नहीं है। ये आवाज़ उसका साथी बन जाता है। वो कल्पना करने लगती है के ये आवाज़ उसी के साथ बाते करता है। इस आवाज़ के साथ वो भावनात्मक रूप से जुड़ने लगती है और उस आवाज़ को खत लिखने लगती है, अपनी बातें बताती है और माइक्रोफोन के पीछे की इस आवाज़ के मालिक से एक दिन मिलने की उम्मीद भी रखती है।

भीड़ भाड़ भरी कोलकाता की जगह में रहनेवाली मीठी को समाज भूल चूका है। समाज अक्सर विशिष्ट उम्र के लोगों के लिए ही कुछ करता नज़र आता है। मीठी के विपरीत है लाली (आहना कुम्रा), जो की उसकी छोटी बहन है। अपने जीवन को वो खुल कर जी रही है। लाली के जीवन में जहाँ हर तरह की खुशियों की गुंजाईश है, वहीं मीठी के जीवन की सारी महत्वकांक्षाये ख़तम हो चुकी हैं, पर आकांक्षाओं से भरी कुछ बातें अभी भी दिल में कहीं मौजूद हैं।

मीठी के किरायेदार, जो उसके घर के निचले मंजिल पर रहते हैं, उसके रुक्ष जीवन में कुछ हलके फुलके क्षण लाते हैं। किरायेदार पति (पंकज त्रिपाठी) और मीठी के बीच भी खालीपन, प्यार और आकांक्षाओं को लेकर एक सूक्ष्म सा रिश्ता बनता है।

युवर्स ट्रुली की कहानी में खतों की अहम भूमिका है। फ़िल्म समाज की अपेक्षाओं को दर्शाती है, जहाँ मीठी अकेलेपन में खो गई है मगर फिर भी उसमे कोई कटुता नहीं है और फिर भी वो हालातों से थक चुकी है। निर्देशक ने वॉइसओवर और संवादों का इस्तेमाल में प्रयोग कर मुख्य किरदार के भावनात्मक उलझनों को और गहराई प्रदान की है।

निर्देशक नाग ने मीठी के जीवन को बहुत ही सूक्ष्म रूप से दर्शकों के सामने रखा है। पर कुछ देर बाद चीज़ें दोहराई हुई लगने लगति हैं और हम मीठी के जीवन के कुछ चुंनिंदा क्षणों को देखते हैं, जिससे उसके जीवन के बारे में हम पूरी कल्पना नहीं कर पातें।

सोनी राज़दान ने अपनी भूमिका को बेहतरीन रूप से निभाया है और उन्हें आगे भी ऐसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में देखना दर्शक पसंद करेंगे। साथ ही हम हिंदी फ़िल्मों में विशिष्ट उम्र के लोगों के किरदारों को और खूबी से लिखे जाने की उम्मीद भी कर सकते हैं।

यूवर्स ट्रुली का प्रीमियर बुसान इंटरनैशनल फ़िल्म फेस्टिवल में किया गया था तथा कोलकाता इंटरनैशनल फ़िल्म फेस्टिवल २०१८ में भी इसकी स्क्रीनिंग की गई थी। राजस्थान इंटरनैशनल फ़िल्म फेस्टिवल २०१९ में इस फ़िल्म को सर्वोत्तम हिंदी फ़िल्म क्रिटिक्स अवार्ड दिया गया।

युवर्स ट्रुली झी५ डिजिटल प्लैटफॉर्म पर ३ मई २०१९ से उपलब्ध है।

 

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