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महारानी किसी जीवित राजनेता से प्रेरित नहीं है, कहते हैं अमित सियाल

वेब-सीरीज़ में व्यस्त यह अभिनेता खुश है के दर्शकों को उनका काम पसंद आ रहा है।

अमित सियाल महारानी में

पिछले कुछ वर्षों से वेब-सीरीज़ की दुनिया में आश्वासक अभिनेता के तौर पर अमित सियाल का नाम चर्चा में है। इनसाइड एज (दोनों सीज़न), जमतारा, मिर्ज़ापुर (दोनों सीज़न), होस्टेजेस (दोनों सीज़न), अ सिंपल मर्डर और हाल ही में प्रदर्शित काठमांडू कनेक्शन जैसी चर्चित सीरीज़ में उनके उच्च दर्जे के काम की बेहद प्रशंसा हुई थी। अब वे सोनी लिव की राजनैतिक सीरीज़ महारानी में नज़र आएंगे।

उनके साथ की गयी विशेष बातचीत में उन्होंने अपने इस सफर के बारे में कहा, "एक ऐसा समय था जब मुझे कोई भी ऑफर स्वीकारना ही पड़ता था ताकि मैं जब एटीएम जाऊँ तो वो मुझे दगा ना दे। कभी कभी आपको पैसे के लिए काम करना ही पड़ता है। पर आजकल नसीब मेरे साथ है। मुझे लगता है मेरे किरदार और जिस तरह से मैं उन्हें निभाता हूँ वो दर्शकों को पसंद आ रहा है।

"पहले ऐसा था जैसे के कहा जाता है के ज़रूरतमंद को चयन करने की सहूलियत नहीं होती। मेरे पास चयन करने के लिए अधिक कुछ था भी नहीं। ओटीटी मंच तब नहीं था। जो भी प्रोजेक्ट मुझे मिलता, मैं उसे संजीदगी से निभाता," उन्होंने कहा।

हुमा कुरैशी महारानी में

महारानी में सियाल एक नेता की भूमिका निभा रहे हैं जो सोहम शाह के किरदार के खिलाफ दिखाया गया है, जो के बिहार का मुख्यमंत्री का काल्पनिक किरदार है। "मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस बात की दौड़ यहाँ लगी हुई है (जब शाह का किरदार बीमारी में बिस्तर पकड़ लेता है)। जैसे के ट्रेलर में नज़र आ रहा है, हुमा (कुरैशी), जो महारानी का किरदार निभा रही हैं, मुख्यमंत्री बनती है। मेरा किरदार कैसे सत्ता स्थापन करने में लगता है ये बाकि की कहानी है," उन्होंने कहा।

सियाल कहते हैं के शो के जड़ तक पहुचनेवाला तथा शेक्सपियर के भांति किया गया लेखन इस शो की विशेषता है। "ये शो सिर्फ राजनीतिक दुश्मनी का नहीं है," उन्होंने कहा। "इसमें राजनीतिक कार्यक्रम और नेताओं के जीवन की बारीकियां दिखाई गयी हैं। कभी कभी जो सही है वो भी हमें गलत नज़र आने लगता है और ठीक इसके विपरीत भी होता है। यहाँ मानसिकता के द्वंद को सही ढंग से दर्शाया गया है। शेक्सपीरियन शैली में कहानी का निवेदन दर्शक पसंद करेंगे।"

सियाल ने सकारात्मक, नकारात्मक और ग्रे शेड्स ऐसे सभी ढंग के किरदार निभाए हैं। वे कहते हैं के किसी किरदार को निभाने के लिए वे कोई विशिष्ट तैयारी नहीं करते। "मैं एक या दो बार पढ़ता हूँ, मुझे क्या करना है ये समझ लेता हूँ और फिर सेट पर बिना किसी तैयारी के जाता हूँ ताकि मैं खुल सकूँ," अपने काम करने के तरीके को समझाते हुए उन्होंने कहा।

पर महारानी उनके लिए अपवाद है। "इस शो के लिए मुझे ज़्यादा ध्यान देना पड़ा," उन्होंने कहा। "नेताओं के बोलने की विशिष्ट शैली होती है, वो भी सिर्फ भाषणों में नहीं तो व्यक्तिगत रूप में भी। मैंने इस तरह की भूमिका पहले नहीं की थी।"

सोहम शाह महारानी में

जैसे ही महारानी का टीज़र आया, मिडिया और सोशल मिडिया पर चर्चा उठी के क्या ये कहानी किसी असली नेता से प्रेरित है। पर सियाल कहते हैं, "नहीं यार, ऐसी कोई बात नहीं है। ये सिर्फ अटकलें हैं। स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र भारतीय सिर्फ अपने विचार [सोशल मिडिया पर] लिख रहें हैं। ये एक काल्पनिक कहानी है। चूँकि कहानी राजनीती पर आधारित है, कुछ लोगों को कोई न कोई संदर्भ नज़र आएगा। लेखक सुभाष कपूर राजनीती से भली भांति परिचित हैं और उनका अच्छा अभ्यास भी है। वे पत्रकार रह चुकें है।"

फ़िल्मों को साइन करते समय अब सियाल के लिए स्क्रिप्ट मायने रखती है। "जिसने ४५ वर्षों का जीवन का अनुभव लिया है, वो कुछ संदर्भ तो ज़रूर ढूंढेगा," उन्होंने कहा। "ये एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जब भी कोई मुझे प्रोजेक्ट ऑफर करता है, तो ये ज़रूरी है के मैं उस प्रोजेक्ट को अपने साथ जोड़ के देख सकूँ। ये एक भावना है, इसी लिए ये स्वाभाविक होना चाहिए।"

अपनी बढ़ती उम्र में सियाल अमिताभ बच्चन के फ़िल्मों के फैन थे क्योंकि उस समय भव्य फ़िल्में अधिकतम बनती थीं। "इसी लिए हम वो आर्ट फ़िल्में नहीं देखते थे। पर फिर मुझे लगा के फ़िल्मों को महज़ शौक के तौर पर न देखते हुए इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। फिर हमने नसीर भाई [नसीरुद्दीन शाह], इरफ़ान [खाँ] भाई की फ़िल्में देखना शुरू किया," उन्होंने कहा।

"हम तब नाटकों में काम करना पसंद करते थे। पर मैं अभिनय को तब वैसे नहीं समझ पाया जैसे के आज समझ पाता हूँ। फिर मैंने यूरोपियन सिनेमा देखना शुरू किया। उनके पास कुछ बेहद अच्छे कलाकार हैं," उन्होंने कहा।

अपने आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में उन्होंने बताया, "मेरे पास इनसाइड एज ३ है। झी५ के लिए मैंने एक फ़िल्म [आफत-ए-इश्क़] की है। इसमें मेरे अलावा दीपक डोब्रियाल, नमित दास और नेहा शर्मा हैं। ये फ़िल्म पहले ही घोषित की गयी थी, पर फिर कोविड (दूसरी लहर) आया और प्रोजेक्ट में देरी हुई।"

सुभाष कपूर द्वारा रचित और करण शर्मा द्वारा निर्देशित महारानी सोनी लिव पर २८ मई से दर्शाई जा रही है।