चर्चित मलयालम निर्देशक महेश नारायणन अपनी पहली हिंदी फ़िल्म का निर्देशन करने के लिए तैयार हैं। इस नाट्यमय थ्रिलर फ़िल्म का नाम है फैंटम हॉस्पिटल। प्रीति शाहानी का नया बैनर टस्क टेल फ़िल्म्स और खोज पत्रकार जोसी जोसेफ के प्रॉडक्शन हाऊस कॉन्फ़्लुएंस मिडिया द्वारा इस फ़िल्म की निर्मिति की जा रही है।
निर्माताओं के अनुसार यह फ़िल्म स्वास्थ्य क्षेत्र में चलनेवाले स्कैंडल्स पर आधारित है। अपने निवेदन में शाहानी ने कहा, "हम सभी अनजाने में इन चीज़ों के शिकार हो चुके हैं। इस फ़िल्म से हम दर्शकों को नए वास्तव से सूचित करने जा रहे हैं। टस्क टेल फ़िल्म्स में हमारे समय की ऐसी कहानियां दर्शाने पर हम ज़ोर देंगे जो भावनिकता से ओतप्रोत हों और सभी को एकसाथ जोड़ने की उनमे क्षमता हो।"
उन्होंने आगे बताया, "महेश नारायणन के साथ जुड़ने पर मैं उत्साहित हूँ। उनकी कहानियां देशभर के दर्शकों तक पहुंची हैं। वे एक दार्शनिक फ़िल्मकार हैं। साथ ही खोज पत्रकार जोसी जोसेफ के साथ जुड़कर भी मैं खुश हूँ। साथ मिलकर हम एक ऐसी मनोरंजक फ़िल्म का निर्माण करना चाहते हैं जो हमारे देश के सबसे चौंका देनेवाले स्कैंडल्स को बाहर लाएगी।"
शाहानी इससे पूर्व जंगली पिक्चर्स के साथ काम कर रही थीं। वहाँ उन्होंने तलवार (२०१५), बरेली की बर्फी (२०१७), राज़ी (२०१८) और बधाई हो (२०१८) जैसी फ़िल्मों का निर्माण किया।
इस कहानी के महत्त्व को बताते हुए जोसी ने कहा, "भारत की विशेषता ये है के लेखकों द्वारा कल्पित कहानियों से यहाँ की वास्तविक कहानियां ज़्यादा नाट्यमय हैं। पर उन्हें दर्शाने के लिए उनपर ठीक से काम नहीं किया गया है। मुझे विश्वास है के फैंटम हॉस्पिटल एक बदलाव भरी फ़िल्म साबित होगी, जिसमे महेश के निर्देशन की पकड़ और प्रीति की किसी विषय को परखने की क्षमता दोनों उभरकर नज़र आएंगी।"
महेश टेक-ऑफ़ (२०१७), सी यु सून (२०२०) और हाल ही में प्रदर्शित मालिक (२०२१) जैसी उच्च दर्जे की थ्रिलर फ़िल्मों के लिए जाने जाते हैं। इन तीनो फ़िल्मों में मलयालम स्टार फाहद फासिल ने मुख्य किरदार निभाए थे। फैंटम हॉस्पिटल का लेखन महेश ने आकाश मोहिमें के साथ मिलकर किया है।
"भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की सच्ची घटनाओं से प्रेरित कहानी ने मुझे अपनी ओर तुरंत खींच लिया," महेश ने कहा। "प्रीति शाहानी के साथ जुड़ना मेरा सौभाग्य है। एक निर्माता के रूप में उन्होंने हमेशा अच्छे दर्जे की फ़िल्में पेश की हैं। जोसी जोसेफ के संशोधन के कारण कहानी को अलग अलग स्तरों पर और अधिक गहराई मिली है। हिंदी दर्शकों ने मेरी फ़िल्मों को बहुत प्यार दिया है और इसी लिए मेरी पहली हिंदी फ़िल्म निर्देशित करने के लिए मैं बहुत उत्साहित हूँ।"