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दिवंगत संगीतकार खय्याम की पत्नी और गायिका जगजीत कौर का ९३ वर्ष की आयु में देहांत

वरिष्ठ गायिका उम्र से संबंधित बीमारियों से जूझ रहीं थी।

वरिष्ठ गायिका और दिवंगत संगीतकार खय्याम की पत्नी जगजीत कौर का रविवार को मुम्बई के जुहू विभाग में उनके घर पर निधन हुआ। वे ९३ वर्ष की थीं और उम्र से संबंधित बीमारियों से जूझ रहीं थीं।

प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए खय्याम जगजीत कौर केपीजी चैरिटेबल ट्रस्ट की प्रवक्ता प्रीतम शर्मा ने कहा, "विले पार्ले के पवन हंस शमशान भूमि में मर्यादित लोगों की उपस्थिति में अंतिम विधि पूर्ण किए जाएंगे।"

फ़िल्म अंजुमन (१९४८) के साथ अपना करियर शुरू करते हुए जगजीत कौर ने आगे दिल-ए-नादाँ (१९५३), शोला और शबनम (१९६१), शगुन (१९६४), हीर राँझा (१९७०), कभी कभी (१९७६), त्रिशूल (१९७८), उमराव जान (१९८१) और बाजार (१९८२) जैसी फ़िल्मों के लिए गाने गाये।

शोला और शबनम फ़िल्म से 'पहले तो आँख मिला', कभी कभी फ़िल्म से 'तुम अपना रंजो ग़म अपनी परेशानी' और 'सड़ा चिड़िया दा चम्बा वे', बाजार फ़िल्म का 'देख लो आज हमको जी भर के' और उमराव जान फ़िल्म का 'कहो को बियाही परदेस' ये उनके कुछ लोकप्रिय गाने हैं।

उन्होंने संगीतकार खय्याम के साथ १९५४ में शादी की। २०१२ में उनके बेटे प्रदीप चल बसे। उसके बाद उन्होंने खय्याम जगजीत कौर केपीजी चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की ताकि ज़रूरतमंद कलाकार एवं तंत्रज्ञों की सहायता की जा सके। २०१९ में खय्याम के गुज़रने के बाद उन्होंने ही इस ट्रस्ट की बागडौर संभाली थी।

कई मान्यवर लोगों ने ट्विटर के ज़रिये अपना शोक प्रकट किया।