गुलाबो सीताबो के ओटीटी मंच पर प्रदर्शन के निर्णय पर आइनॉक्स मल्टीप्लेक्स चेन ने जताए तीव्र विरोध के बाद गिल्ड द्वारा जारी निवेदन सामने आया है।
प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने जताई हमदर्दी, निर्माता और एक्झिबीटर्स के बीच बढ़ी दरार
मुम्बई - 15 May 2020 12:05 IST
Updated : 18 May 2020 12:37 IST
Our Correspondent
एक्झिबीटर्स द्वारा गुलाबो सीताबो के निर्माताओं के डिजिटल प्रदर्शन रास्ता चुनने के तीव्र विरोध के एक दिन बाद प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने सहयोग और हमदर्दी जताई है।
एक निवेदन द्वारा गिल्ड ने कहा, "हम इस समय आकस्मिक स्थिति में हैं, जहाँ हम हमारे जीवन के सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक आपातकालीन स्थिति में आ पहुंचे हैं। ये ऐसा समय है जहाँ पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री एक साथ आकर सहानुभूति और सहकार्य की स्थिति में रहे, जिससे निर्माता, डिस्ट्रीब्यूटर्स, एक्झिबीटर्स, डेली वेज अर्नर्स और तंत्रज्ञ, साथ ही हमारी इंडस्ट्री पर निर्भर हज़ारो लोगों की ज़िंदगी इन मुश्किलों से उभर सकें।"
मल्टीप्लेक्स चेन आइनॉक्स लेजर की फ़िल्मकारों और निर्माताओं को विरोधी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहने की चेतावनी पर गिल्ड ने कहा, "ऐसे समय पर एक्झिबीशन विभाग के हमारे सहयोगी द्वारा धमकी भरा सन्देश देना निराशाजनक है। अपनी फ़िल्मों को ओटीटी मंच पर लाने का निर्णय ले रहे निर्माताओं के खिलाफ प्रतिकारात्मक कदम उठाने की चेतावनी देना, वो भी ऐसे समय में जब सिनेमाघर अनिश्चित काल के लिए बंद हैं, ये इंडस्ट्री के भविष्य के लिए एक सहभागिता के संवाद से परे है।"
IMPORTANT... Release of films on #OTT and response by exhibition sector... Producers Guild of India reacts... OFFICIAL STATEMENT... pic.twitter.com/mbnzIFgsMa
— taran adarsh (@taran_adarsh) May 15, 2020
गिल्ड ने कहा के फ़िल्मों को सीधे ओटीटी मंच पर प्रदर्शित करने के निर्णय का कारण लॉकडाउन है, जिससे रोज़ाना करोडो रुपयों का नुकसान हो रहा है। बन कर तैयार रहते सेट्स पर हुए खर्च, कई प्रोजेक्ट्स पर बढ़ता ब्याज, और प्रोड्यूसर्स को देने पड़ रहे कई सारे बाकि खर्च की तरफ अंदेशा करते हुए गिल्ड ने कहा के लॉकडाउन के बाद भी सिनेमाघरों के शुरू होने की अनिश्चितता के कारण ये निर्णय लिया गया है।
निवेदन में ये भी कहा गया के देशभर में सिनेमाघरों के शुरू होने की स्थिति भी डामाडोल है और फ़िल्म इंडस्ट्री को दर्शकों की कम उपस्थिति के लिए भी तैयार रहना चाहिए। इंटरनैशनल थेट्रिकल राइट्स लागत को कमाने का सुनिश्चित ज़रिया था, जो अब नहीं है और इसका भी निर्माताओं पर गहरा असर पड़ेगा।
इसी लिए गिल्ड ने अपने निवेदन में कहा, "ये स्वाभाविक है के निर्माता जिन्होंने पहले ही अपनी फ़िल्मों में सिनेमाघरों की कमाई की अपेक्षा रखते हुए खूब सारी लागत की है और जो अब संभव नहीं है, अन्य विकल्प की तरफ रुख करेंगे और अपने आप को इस व्यवसाय में जमाए रखने की कोशिश करेंगे।"
पर गिल्ड ने सिनेमाघरों की व्यवस्था पर स्पष्ट और निशंक सहयोग दर्शाते हुए कहा, "प्रोड्यूसर्स गिल्ड इस बात पर ज़ोर देना चाहती है के हम निशंक और पूरे रूप से फ़िल्मों के थिएट्रिकल प्रदर्शन के पक्ष में हैं और फ़िल्मों के लिए थिएट्रिकल प्रदर्शन हमेशा पहली पसंद रहेगी, जो की सिनेमैटिक अनुभव के लिए ही बनाई जाती हैं। पर ये आकस्मिक स्थिति है जिसमे ऊपर बताई गयी सारी परेशानियाँ आती हैं और उसी संदर्भ में चीजों को देखना उचित होगा।"
गुलाबो सीताबो के साथ और कई फ़िल्में भी उसी राह पर चल रही हैं, जिसमे विद्या बालन अभिनीत शकुंतला देवी और कुछ प्रादेशिक फ़िल्में भी हैं जो सीधे एमेज़ॉन प्राइम विडिओ इस ओटीटी मंच पर प्रदर्शित हो रही हैं।
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