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आर्टिकल १५ टीज़र – आयुष्यमान खुराणा बने हैं एक कठोर पुलिस अफसर, जातीय हिंसा के विरूद्ध लड़ेंगे

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मुल्क (२०१८) के निर्देशक अनुभव सिन्हा ने इस फ़िल्म का निर्देशन किया है। फ़िल्म २८ जून को प्रदर्शित होगी।

Shriram Iyengar

अनुभव सिन्हा के निर्देशन में आयुष्यमान खुराणा को आर्टिकल १५ फ़िल्म में देखना एक रोचक अनुभव हो सकता है।

एक रोमांचक कथा, सामाजिक आशय और एक अच्छे मुख्य कलाकार के रूप में आर्टिकल १५ का टीज़र दर्शकों की उम्मीदों को बढ़ाता है। फ़िल्म २८ जून को प्रदर्शित हो रही है।

टीज़र की शुरुवात आयुष्यमान खुराणा के साथ होती है जहाँ वे भारतीय संविधान के धारा १५ को पढ़ रहे हैं, जिसके आधार पर भारतीय नागरिकों को उनके धर्म, नस्ल, जाती, लिंग और जन्मस्थल के आधार पर कोई भी भेदभाव किये जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ हम उत्तर प्रदेश के सड़कों पर भीड़ द्वारा हिसंक गतिविधियों के दृश्य देखते हैं।

इस फ़िल्म द्वारा बढ़ती जातीय हिंसा के विषय को उठाया गया है। इन दृश्यों के बाद टीज़र में राजनीतिक गुट इन हिंसक गतिविधियों का फायदा उठाते हुए रास्ते पर विरोध प्रदर्शन करते हुए नज़र आते हैं जिसके चलते पुलिस को उन्हें रोकना पड़ता है।

जलते हुए ट्रक का दृश्य हो या सयानी गुप्ता का किसीको ढूंढने का दृश्य हो, ये सभी दृश्य इस टीज़र की गूढता की और बढ़ाते हैं। इसी गूढता को राजनीतिक और सामाजिक दबाव के रहते हुए भी खुराणा हल करते नज़र आएंगे।

अनुभव सिन्हा एक और गंभीर सामाजिक विषय को लेकर आए हैं। पिछले वर्ष आयी फ़िल्म मुल्क में उन्होंने एक मुस्लिम परिवार के स्थिति को दर्शाया था जिसके बेटे के संबंध आतंकियों से होते हैं। इस फ़िल्म को काफ़ी सराहना मिली और फ़िल्म सफल भी रही। ऐसे संवेदनशील विषय को काफ़ी सजगता के साथ दर्शाने के लिए सिन्हा की काफ़ी प्रशंसा भी हुई थी।

आर्टिकल १५ में आयुष्यमान खुराणा पहली बार एक पुलिस अफसर की भूमिका निभा रहे हैं। फ़िल्म २८ जून को प्रदर्शित हो रही है। टीज़र यहाँ देखें।

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