"जीतने का मज़ा तब आता है जब सब आपके हारने की उम्मीद करते हैं," पीएम नरेंद्र मोदी के नए ट्रेलर में विवेक ओबेरॉय नरेंद्र मोदी की भूमिका में ये भाष्य करते हैं।
ये चुनाव के दौरान प्रदर्शन पर पाबंदी लगने के बाद अब अंततः फ़िल्म के थिएटर में लगने की ख़ुशी है या नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी की उम्मीद ये स्पष्ट नहीं हो रहा है। पर ये बात अवश्य स्पष्ट है के नरेंद्र मोदी के चमकदार व्यक्तित्व की खूबी को इस ट्रेलर द्वारा और उजागर किया गया है।
जहाँ पहले ट्रेलर में मोदी के अलग अलग व्यक्तित्व का दर्शन कराया गया था, वहीं नए ट्रेलर में मोदी के महानता का चित्रण देखने मिलता है। साथ ही ट्रेलर में कॉंग्रेस पार्टी पर काफ़ी तंज भी कसे गए हैं।
सोनिया गांधी के किरदार के लुक के साथ ही हम विवेक ओबेरॉय को ये कहते सुनते है, "जादू तो केंद्रीय सरकार करती है। देश की तिजोरी गायब, नौजवान की नौकरी गायब, यहाँ तक की प्रधानमंत्री जी की आवाज़ भी गायब।" आखरी पंक्ति में वे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चुप्पी पर निशाना सांधते हैं।
ट्रेलर में प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व के विकास में राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के योगदान को भी दर्शाया गया है। शस्त्र विद्या में प्रावीण्यता से लेकर समाज के लिए योगदान देने तक, साथ ही अमित शाह (मनोज जोशी) के साथ उनकी प्रथम भेट जो बाद में उनके सबसे विश्वसनीय सहकारी बने, इन सभी चीजों को ट्रेलर में स्थान मिला है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी को कॉंग्रेस मुक्त बनाने की घोषणा करते वक़्त मोदी के प्रचार का विराट स्वरुप भी दर्शाया गया है। फ़िल्म मोदी के प्रधानमंत्री पद के सफर की कहानी है।
नया ट्रेलर पुराने ट्रेलर से काफ़ी अलग है। दूसरे में २०१४ के लोकसभा चुनाव के प्रचार की ज़ोरदार प्रक्रिया दर्शाई गयी है, जिससे मोदी देश में प्रधानमंत्री बने। एक प्रकार से इसे दोहरी रूप से इस्तेमाल किया गया है, जिससे मोदी प्रणीत राष्ट्रिय लोकतान्त्रिक गठबंधन की विजय गाथा इस बार भी दोहराई जाए।
पीएम नरेंद्र मोदी का निर्देशन ओमंग कुमार बी ने किया है और फ़िल्म २४ मई को प्रदर्शित हो रही है।