सलमान ख़ाँ के किरदार का ७० वर्षों का सफर दिखाने के लिए उसी तरह के जोशीले गाने की अपेक्षा थी। अली अब्बास ज़फर निर्देशित भारत के नए गाने 'ज़िंदा' में इन अपेक्षाओं की पूर्ति हुई है।
अली अब्बास ज़फर के साथ ज्यूलियस पैकियम और विशाल ददलानी ने इस गाने को संगीत दिया है और विशाल ददलानी ने गीत को जोशीले अंदाज़ में गाया है।
गाने के बोल सलमान के किरदार के ७० वर्षों के सफर को सामने लाते हैं। गाने के दृश्यों में हमें ज़्यादातर वही दृश्य देखने मिलते हैं जिन्हें हम फ़िल्म के ट्रेलर और प्रोमोज़ में देख चुके हैं। पर यह गाना भारत बने सलमान ख़ाँ के अनुभवों को अपने में समेटे भारत के चरित्र को बड़ी खूबी से दर्शकों के सामने लाता है।
भारत के बचपन में उसके देश के विभाजन के अनुभव, खदानों में उसका काम और समुंदरी लुटेरों से लड़ना हो या अंधेरी सड़कों पर गुंडों से लड़ना हो, सलमान अपने मर्दानी लुक का इस्तेमाल कर हर दृश्य में अपना दम दिखाते हैं। बूढ़े अवतार में, विभाजन से दूर हुए परिवारों को मिलाने के प्रयास के दृश्य में गंभीर छटा की झलक भी नज़र आती है।
विशाल ददलानी की जोश भरी आवाज़ में यह गाना किसी स्फूर्ति गीत से कम नहीं है। अली अब्बास ज़फर ने इस गाने को लिखा है। अपने गीत में उन्होंने कर्म से पहचान बनाने की अहमियत पर ज़ोर दिया है। गाने के अंत में सलमान एक ज़बरदस्त लाइन कहते हैं, "भारत इतने जल्दी ना मरता।" इससे भारत के किरदार और उसके व्यक्तित्व की पहचान स्पष्ट होती है।
गाने की रचना उत्साहवर्धक है और इसके रिदम के साथ गाने के भाव हमेशा जुड़े रहते हैं। विशाल ददलानी की आवाज़ गाने को जच रही है। अमन त्रिखा, राजीव सुंदरेषन, अमनदीप सिंह जॉली, स्मृति मनोचा और मुरिष्का डिक्रूज़ ने भी सह गायक के रूप में अपनी आवाज़ दी है।
इलेक्ट्रिक गिटार के उपयोग से कोरस को जो उठाव दिया गया है वो प्रशंसनीय है। संपूर्ण गाने में जोश और ऊर्जा हमेशा बनी रहती है।
सलमान ख़ाँ के साथ भारत में कटरीना कैफ, सुनील ग्रोवर, दिशा पटनी, जैकी श्रॉफ और तब्बू महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। फ़िल्म ५ जून को प्रदर्शित हो रही है। गाना यहाँ देखें।