रोमिओ अकबर वॉल्टर फ़िल्म के टीज़र के भांति ही इसका ट्रेलर भी उतना ही उत्कंठापूर्ण और रोचक है। जहाँ टीज़र में जॉन एब्रहम के किरदार को एक आम आदमी के रूप में दिखाया गया था, वहीं ट्रेलर में उन्हें रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) ने भेजे हुये जासूस के रूप में दर्शाया गया है जो पाकिस्तान में रहकर भारत के लिए काम करता है।
यह फ़िल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए १९७१ के युद्ध की तरफ बढ़ती हुई घटनाओं के दौर पर इस फ़िल्म को रचा गया है। चौदह दिन चले इस युद्ध में भारत विजयी हुआ था और युद्ध के परिणाम स्वरूप अंततः बांग्लादेश का जन्म हुआ, जो पहले पूर्व पाकिस्तान हुआ करता था।
इस ट्रेलर की खास बात ये है के इसमें स्पाय एजंट बने जॉन एब्रहम की मूल पहचान बताई नहीं गयी है। वे अलग अलग मुखौटे पहने नज़र आते हैं। उनका बिना दाढ़ी का चेहरा उनके साधारण जीवन के समय का लगता है। पाकिस्तान में उनका अलग लुक है, जहाँ वे दाढ़ी रखे हुये दीखते हैं। फ़िल्म की कैच लाइन 'अवर हीरो, देयर स्पाय' रोचकता को अधिक गहरा करती है।
आरएडब्ल्यू (रोमिओ अकबर वॉल्टर) को डबल एजंट कहानी की तरह पेश किया जा रहा है। निर्देशक रॉबी ग्रेवाल ने ट्रेलर लॉंच के दौरान कहा की ये फ़िल्म एक गुमनाम हीरो के नाम है जिससे आपको विश्वास होता है के यहाँ ये डबल एजंट अपने पहले मास्टर याने भारत की ही सेवा करता है।
ग्रेवाल का ये ट्रेलर इतना नपा तुला रखा गया है के आप इस जासूस के बारे में सोचते रह जाते हैं के ये आखिर है कौन? ट्रेलर के शुरुवात में आप खून से लथपथ जॉन को देखते हैं। उसके बाद जैकी श्रॉफ का किरदार उन्हें रॉ के मिशन के लिए चुनता है। जॉन गले में एक तावीज़ पहने हैं जो की एक लॉकेट होता है जिसमे आम तौर पर कुरान की आयतें लिखी होती हैं।
जिस प्रकार जॉन के किरदार की माँ उसे कहती है के अपनी बूढी अम्मी को भूल ना जाना, इससे ये कहा जा सकता है के वो मुस्लिम है। ट्रेलर में ऐसी कोई बात नहीं के जिससे ये लगे के जॉन का किरदार डबल एजंट बनकर काम करता है।
मौनी रॉय और सिकंदर खेर की ट्रेलर में छोटीसी झलक दिखाई देती है।
ग्रेवाल रहस्य के तत्व को ट्रेलर में बनाये रखते हैं और वही रोमिओ अकबर वॉल्टर की विशेषता है। फ़िल्म ५ अप्रैल को प्रदर्शित हो रही है। ट्रेलर यहॉं देखें।