मार्शल आर्ट्स विशेषज्ञ प्रतीक परमार ने कहा के अभिमन्यु दासानी एक्शन में बाकि स्टार्स के बराबर हैं और एक्टिंग में उनसे कई बेहतर।
मार्शल आर्ट्स डिज़ायनर प्रतीक परमार ने अभिमन्यु दासानी को विद्युत जमवाल और टायगर श्रॉफ से ऊँचा आंका
मुम्बई - 31 Mar 2019 1:58 IST
Updated : 15 Apr 2019 22:43 IST
Mayur Lookhar
हालांकि हिंदी में कई एक्शन फ़िल्में बनती हैं, ज़्यादातर फ़िल्मों का एक्शन देख कर हमें उसमे कुछ कमी खलती रहती है। सच कहे तो ज़्यादातर एक्शन दृश्य एक्शन से ज़्यादा कॉमेडी लगते हैं।
१९९० के दशक में अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी एक्शन हीरो हुआ करते थे और आज के समय में विद्युत जमवाल और टायगर श्रॉफ को एक्शन स्टार कहा जा सकता है। दोनों न सिर्फ़ शारीरिक रूप से एक्शन स्टार लगते हैं बल्कि मार्शल आर्ट्स में पारंगत भी हैं।
अगर आजकल के कुछ फ़िल्मों में अच्छी एक्शन देखने को मिलती है तो उसकी वजह है सजग एक्शन डिरेक्टर तथा अभिनेताओं को असली मार्शल आर्टिस्ट के द्वारा दी जाने वाली ट्रेनिंग।
मार्शल आर्ट विशेषज्ञ प्रतीक परमार इस कड़ी में एक और नाम हैं जिन्होंने वासन बाला की बहुचर्चित फ़िल्म मर्द को दर्द नहीं होता का एक्शन डिज़ाइन किया है, साथ ही फ़िल्म के क्लाइमेक्स में विलन के फायटर के रूप में काम भी किया है।
एक तरफ इस फ़िल्म से फ़िल्मी दुनिया में पहला कदम रखनेवाले अभिमन्यु दासानी एक्शन स्टार बनके उभरे हैं, वहीं अभिनेत्री राधिका मदान और अभिनेता गुलशन देवैया ने अपने एक्शन अवतार से दर्शकों को चकित कर दिया है।
इस फ़िल्म में तीनो कलाकारों के दमदार एक्शन का श्रेय फ़िल्म के मार्शल आर्ट्स डिज़ायनर और ट्रेनर रहे प्रतीक परमार को जाता है। जिन्होंने फ़िल्म देखि हैं उन्हें फ़िल्म के क्लाइमेक्स में दासानी और परमार के समुराय की फाइटिंग ज़रूर याद आएगी।
सिनेस्तान से की गई विशेष बातचीत में परमार ने मर्द को दर्द नहीं होता का अपना अनुभव साँझा किया, साथ ही ये भी बताया के क्यों वे अभिमन्यु दासानी को विद्युत जमवाल और टायगर श्रॉफ से अधिक आंकते हैं और ये भी बताया के इस फ़िल्म द्वारा हिंदी फ़िल्मों का मार्शल आर्ट्स के तरफ देखने का नज़रिया बदल जाएगा।
बातचीत के अंश यहाँ देखें।
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