जब हैरी मेट सेजल (२०१७) के प्रदर्शन के बाद प्रीतम के संगीत का जादू हिंदी फ़िल्मों से दूर रहा है। संगीतकार प्रीतम करीबन दो वर्ष के अंतराल के बाद अपने संगीत की नयी खोज करते हुए कलंक के बेहतरीन संगीत अल्बम को श्रोताओं के लिए लेकर आए हैं।
कलंक के शीर्षक गीत को अरिजीत सिंह और शिल्पा राव ने गाया है, हालांकि यहाँ हमें सिर्फ़ अरिजीत की आवाज़ सुनाई देती है। गाने के दृश्यों में वरुण धवन के किरदार ज़फर तथा आलिया भट्ट के किरदार रूप के बीच खिलते प्रेम संबंधों को दर्शाया गया है, जिसके बारे में ये अंदाज़ा हो जाता है के उनका प्यार कामयाब नहीं होगा।
अरिजीत की आवाज़ में मधुरता के साथ एक कसक भी है जो प्रीतम के संगीत में उभरकर आती है। एक असफल प्रेम कहानी के इस गीत को अरिजीत की मनमोहक आवाज़ और भी गहरा रूप देती है।
गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य ने शीर्षक गीत में फ़िल्म के शीर्षक को 'कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया' जैसी रचना द्वारा उभार देने का काम किया है।
अरिजीत सिंह की मधुर आवाज़ को कोरस की उचित साथ संगत अधोरेखित करती जाती है। प्रीतम ने स्पैनिश गिटार का बेहतरीन उपयोग कर इस धुन को और भी उठाव दिया है। हालांकि प्रीतम के संगीत की जानी पहचानी छाप यहाँ भी नज़र आती है।
गाने के दृश्यों में रूप और ज़फर हीरामंडी में हमेशा मिलते नज़र आते हैं, जहाँ रूप ज़फर की तरफ आकर्षित होती दिखती है। सोनाक्षी सिन्हा और आदित्य रॉय कपूर तथा संजय दत्त और माधुरी दीक्षित नेने की जोड़ी थोड़े समय के लिए नज़र आती है। एक तरफ सोनाक्षी और आदित्य की जोड़ी ख़ुशी के पलों में एक साथ दिखती है, वहीं बलराज चौधरी बने संजय दत्त माधुरी दीक्षित नेने की बहार बेग़म से खफा नज़र आते हैं। ये सारे किरदार एक दूसरे से कैसे जुड़े हुए है, ये देखना रोचक हो सकता है।
यह पीरियड फ़िल्म स्वतंत्रता पूर्व समय में बसी कहानी है, जिसे अभिषेक वर्मन ने निर्देशित किया है। कलंक टायटल ट्रैक यहाँ देखें।