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मैंने इस फ़िल्म के लिए गाना नहीं लिखा – पीएम नरेंद्र मोदी के क्रेडिट्स में अपना नाम देख कर चौंके जावेद अख़्तर

पीएम नरेंद्र मोदी फ़िल्म के ट्रेलर के अंत में क्रेडिट्स में वरिष्ठ गीतकार जावेद अख़्तर का नाम दिया गया है। उनके साथ प्रसून जोशी, समीर, अभेंद्र कुमार उपाध्याय, सरदारा, पैरी जी तथा लवराज इनके नाम भी गीतकार के क्रेडिट्स में शामिल हैं।

फोटो - शटरबग्ज़ इमेजेस

ओमंग कुमार की फ़िल्म पीएम नरेंद्र मोदी को एक के बाद एक मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है। चुनाव आयोग के पास दो राजकीय पक्षों ने फ़िल्म के प्रदर्शन की तारीख के विरोध में की हुई शिकायत के एक दिन बाद ही वरिष्ठ गीतकार जावेद अख़्तर ने उनका नाम फ़िल्म के क्रेडिट्स में दिखने पर आपत्ति जताई।

जावेद अख़्तर ने ट्वीटर पर फ़िल्म के पोस्टर को साँझा करते हुए लिखा, 'इस फ़िल्म के पोस्टर में मेरा नाम देख कर मैं अचंबित हूँ। मैंने इस फ़िल्म के लिए कोई गाना नहीं लिखा।'

फ़िल्म के क्रेडिट्स में जावेद अख़्तर का नाम देख कर पहले कुछ लोगों को धक्का अवश्य लगा तथा कई लोगों ने जावेद अख़्तर को ऑनलाइन सवाल भी पूछा के नरेंद्र मोदी के कई निर्णयों पर कई बार तीखा विरोध प्रकट करने के बाद अब उन्होंने उनके फ़िल्म में कैसे सहभाग लिया।

फ़िल्म के ट्रेलर में उनके साथ प्रसून जोशी, समीर और बाकि गीतकारों के नाम भी दिए गए हैं। पर अब जावेद अख़्तरने खुद ही स्पष्ट किया है के उन्होंने इस बायोपिक के लिए कोई भी गीत नहीं लिखा हैं।

ये बात एक दिन पहले सामने आयी है जब की फ़िल्म का गाना 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की' को प्रदर्शित किया जाना है। सुखविंदर सिंह और शशि द्वारा गाये इस गाने को प्रसिद्द गीतकार तथा सेंसर बोर्ड के विद्यमान अध्यक्ष प्रसून जोशी ने लिखा है।

निर्देशक ओमंग कुमार बी द्वारा निर्देशित पीएम नरेंद्र मोदी में विवेक आनंद ओबेरॉय मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा अगर फ़िल्म के प्रदर्शन पर कोई बंधन नहीं आता है तो फ़िल्म ५ अप्रैल को प्रदर्शित होगी।

इसी दरमियान ईस्ट दिल्ली संसदीय क्षेत्र के एक निर्वाचन अधिकारी ने फ़िल्म के निर्माता लीजेंड ग्लोबल स्टुडिओ तथा हिंदी अखबार दैनिक भास्कर के आनंद पांडे को कारण-बताओ नोटिस जारी किया है जिसमे सार्वजनिक चुनाव के लिए गठित आचार संहिता के उल्लंघन पर जवाब माँगा गया है।

नोटिस में अधिकारी ने ये स्पष्ट किया है के दैनिक भास्कर में सम्बंधित फ़िल्म का पूरा-पृष्ठ विज्ञापन सरोगेट विज्ञापन के जैसा प्रतीत होता है, जिसमें राजनैतिक लाभांश भी छुपे हुए लगते हैं।