मानव कौल, नंदिता दास और सौरभ शुक्ल अभिनीत सौमित्र रानडे का ये रीमेक नए पीढ़ी के अल्बर्ट पिंटो को भ्रष्टाचार और पूंजीवाद के बीच में खड़ा करता है।
अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है? ट्रेलर – मानव कौल दर्शाते हैं आम आदमी की निराशा और गुस्से का उद्रेक
मुम्बई - 15 Mar 2019 14:02 IST
Updated : 21 Mar 2019 22:45 IST
Shriram Iyengar
सईद अख़्तर मिर्ज़ा की अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है जैसी फ़िल्म के रीमेक की चुनौती में एक खतरा यह हो सकता था के जो पहले ही फ़िल्म में कहा और बताया गया है उसे ही दोहराया जाए।
पर सौमित्र रानडे ने अपनी फ़िल्म में नए पीढ़ी के अल्बर्ट पिंटो को पूंजीवाद के भ्रष्टाचार के बीच में खड़ा किया है। मानव कौल, नंदिता दास और सौरभ शुक्ल इस फ़िल्म में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
ट्रेलर के शुरुवात में ही अल्बर्ट पिंटो (कौल) पुलिस से बचते भाग रहा है। इससे ट्रेलर का उद्देश पता चल जाता है, के ऐसा क्या हुआ जो अल्बर्ट पिंटो जैसे सामान्य इंसान को अपराध करने पर मज़बूर कर दिया है। ट्रेलर में ऐसी कई चीज़े हैं जो नायक के गुस्से और निराशा के कारण बनती हैं।
फ़िल्म के अधिकृत कथा सारांश में लिखा है के यह फ़िल्म देश के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक हालात के ऊपर आम आदमी के बढ़ते गुस्से का प्रतिक है। अल्बर्ट को पाखंड और भ्रष्टाचार पर गुस्सा आता है। इंसानियत के नाम पर किये जा रहे बड़े धोखे पर वो गुस्सा है। इस देश को चला रहे वर्ग पर उसे गुस्सा है। और सबसे ज़्यादा वो अपने आप पर गुस्सा है क्योंकि वो सिर्फ़ एक सामान्य दर्शक बनकर ये सब देख रहा है।
यह भड़ास वो एक बुक स्टोअर में निकालता है, जहाँ वो बाकि लोगों को पाखंडी बुलाकर उन्हें कोसने लगता है। खून, थ्रिलर और ज़बरदस्त कलाकारों की अदाकारी से बनी अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है? १२ अप्रैल को प्रदर्शित हो रही है। ट्रेलर यहाँ देखें।
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