वरिष्ठ फ़िल्म और टेलीविजन अभिनेता आलोकनाथ, जिनपर लेखिका-निर्देशिका विनता नंदाने बलात्कार का आरोप किया था, अब एक जज की भूमिका में नज़र आने वाले हैं। गौरतलब है के वे इस फ़िल्म में विनयभंग के केस की सुनवाई करते नज़र आएंगे।
फ़िल्म का शीर्षक #मैंभी है जो की #मीटू का हिंदी भाषांतर है। फ़िल्म को अनुभवी एडिटर नासिर हकीमने निर्देशित किया है।
मुंबई मिरर अख़बार से बात करते हुये आलोकनाथ ने कहा, "मैं इस समय कोई भी फ़िल्म नहीं कर रहा हूँ। ये फ़िल्म मैंने पहले ही शूट की थी। क्या इसमें किसीको कोई समस्या है? मैं फ़िल्म कर रहा हूँ ये सुन कर आप दुखी लग रहे हैं। ये एक छोटासा रोल है जो मैंने निर्माता के लिए किया है। इसे प्रदर्शित होने दीजिये।"
आलोकनाथ पर हुये आरोपों के चलते उन्हें सिनटा (सीने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट्स असोसिएशन) से बेदखल कर दिया गया था।
हालांकि आलोकनाथने इस फ़िल्म की शूटिंग उन पर हुये आरोप के पहले ही पूरी की थी, पर जब वे आरोप आम हुये तो निर्माता उन्हें बदल सकते थे क्योंकि तब तक आलोकनाथ की प्रतिमा मलिन हो चुकी थी।
पर निर्माता शाहवर अली कहते हैं के उन्हें ऐसा बिलकुल नहीं लगा। "मैंने उन्हें सोनू के टीटू की स्वीटी की सफलता के बाद साइन किया था। उस समय उन पर ना कोई केस था, ना कोई आरोप," उन्होंने सिनेस्तान से बात करते हुये कहा।
पर आलोकनाथ पर हुये आरोपों के चलते क्या उन्हें ऐसा नहीं लगा के इससे फ़िल्म पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा?
"कभी नहीं," उन्होंने कहा। "उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। वे उस भूमिका के लिए सबसे योग्य थे। वे प्रोफेशनल थे, उन्होंने हमें कोई तकलीफ नहीं दी। सेट पर वे सभी के साथ घुल मिल गए थे। वे समय पर आते और शाम को 6:30-7:30 तक निकल जाते। उनके काम के पश्चात् वे क्या करते हैं, उस पर मैं कुछ नहीं कह सकता। साथ ही उनकी केस अभी चल रही है और उसका अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है। एक निर्माता के तौर पर मैं बस इतना ही कह सकता हूँ के उन्होंने हमें कोई तकलीफ नहीं दी। मुझे उन्हें पुनः कास्ट करने में भी कोई समस्या नहीं है।"
शाहवर अलीने कहा की उनकी फ़िल्म को सेन्सर से यु/ए सर्टिफिकेट मिला है और अगले दो महीनो में वे फ़िल्म प्रदर्शित करना चाहते हैं।
आलोकनाथ के अलावा इस फ़िल्म में खालिद सिद्दीकी, इमरान ख़ाँ, मुकेश खन्ना, सोनाली राऊत और शहबाज़ ख़ाँ जैसे कलाकार भी काम कर रहे हैं।