दिग्गज दिवंगत अभिनेत्री नूतन की पोती और अभिनेता मोहनीश बहल की बेटी को सलमान ख़ाँ अपनी निर्मित फ़िल्मसे लाँच कर रहे हैं।
नोटबुक की शूटिंग करते समय हमें नहीं लगा के कश्मीर इतनी अस्थिर जगह है, कहती हैं प्रनूतन बहल
Mumbai - 01 Mar 2019 10:00 IST
Updated : 04 Mar 2019 7:05 IST
Keyur Seta
नितिन कक्कर की फ़िल्म नोटबुक से प्रनूतन बहल अभिनय के विश्व में अपना पहला कदम रख रही हैं। प्रनूतन दिग्गज दिवंगत अभिनेत्री नूतन की पोती और जाने माने अभिनेता मोहनीश बहल की बेटी हैं। कश्मीर में स्थित नोटबुक फ़िल्म का निर्माण सलमान ख़ाँने किया है।
"मुझे अस्वस्थसा लगता है। मेरे कंधों पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। सलमान सर, पापा और दादी सिर्फ़ जाने माने कलाकार ही नहीं बल्कि उनका व्यक्तित्व भी उतना ही साफ और सुंदर है," नोटबुक फ़िल्म के खास ट्रेलर प्रिव्ह्यु पर उन्होंने कहा।
पिताने कौनसी सलाह दी ये पूछने पर उन्होंने कहा, "वे हमेशा कहते हैं के मुझे मेरे काम के साथ ईमानदार रहना चाहिए। कैमरा के सामने कुछ भी झूठा नहीं करना, क्योंकि कैमरा उसे झटसे पकड़ लेता है।"
फ़िल्म में नायक के रूप में एक और नए कलाकार ज़हीर इक़बाल हैं।
सलमान ख़ाँ जितना उनका ख्याल रख रहे हैं, उससे प्रनूतन काफ़ी खुश हैं। "सलमान सर की आँखे हमेशा हम पर होती हैं और हम क्या कर रहे हैं, कैसे कर रहे हैं, इस बात पर भी उनकी नज़र होती है। वे हमेशा हमें एक अच्छा इंसान बनने की और ज़्यादा मेहनत करने की सलाह देते हैं," उन्होंने कहा।
ख़ाँ और मोहनीश बहलने एक साथ कई फ़िल्में की हैं। राजश्री प्रॉडक्शन्स की मैंने प्यार किया (१९८९), हम आपके है कौन..! (१९९४) और हम साथ साथ हैं (१९९९) जैसी फ़िल्मों में वे साथ थे। पिछली बार दोनों एकसाथ जय हो (२०१४) फ़िल्म में नज़र आये थे।
नोटबुक फ़िल्म कश्मीर में शूट की गयी। इस समय पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के कारण कश्मीर से बुरी खबरों का सिलसिला लगा हुआ है।
पर प्रनूतन का कहना है के उन्हें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा था। "मैं सच कह रही हूँ। हम श्रीनगर में करीब दो महीने थे। मुझे एक बार भी ऐसा नहीं लगा के यहाँ की स्थिति अस्थिर है। हाँ, मैं वहाँ के तनाव के बारे में जानती हूँ। वहाँ के हालात दुर्भाग्यपूर्ण हैं। पर वहाँ के लोगों ने काफ़ी स्नेह और प्यार दिया है," उन्होंने कहा।
अपनी यादें ताज़ा करते हुये प्रनूतन ने कहा, "कभी कभी जब हम रास्तों पर शूट किया करते थे तो लोग हमें घर में कावा, चाय या बिरयानी के लिए बुलाते थे। वे हमारे लिए खाना पकाते थे। कभी कभी तो वे हमारे लिए सेट पर खाना लाते थे।"
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