अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने वरिष्ठ अभिनेता नाना पाटेकर पर वर्ष २००८ में हॉर्न ओके प्लीज़ फ़िल्म के सेट पर लैंगिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इस बारे में तनुश्री ने पिछले वर्ष नाना पाटेकर के विरुद्ध शिकायत दर्ज की थी।
मुम्बई पुलिस ने कहा नाना पाटेकर पर केस चलाने के लिए कोई सबूत नहीं, बी समरी रिपोर्ट की दाखिल
मुम्बई - 13 Jun 2019 17:15 IST
Updated : 16 Jun 2019 4:50 IST
Our Correspondent
गुरुवार को ओशिवरा पुलिस ने लोकल मैजिस्ट्रेट के सामने तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर के विरुद्ध किए लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत को लेकर बी समरी रिपोर्ट दाखिल की।
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को नाना पाटेकर के खिलाफ केस चलाने के लिए आवश्यक सबूत नहीं मिल पाए।
कानून की भाषा में बी समरी रिपोर्ट तब दाखिल होता है जब आरोपी के खिलाफ कोई भी प्रथम दर्शनी सबूत हासिल नहीं होता और आरोपी पर किये गए आरोप पूर्णतः झूठे होते हैं। अगर मैजिस्ट्रेट इस रिपोर्ट को स्वीकार करें, तो आरोपी को दोषमुक्त किया जाता है। उसके बाद पुलिस फिर्यादी पर गलत शिकायत दर्ज करने का केस चला सकती है।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया न्यूज़ एजेंसी के खबर के अनुसार पुलिस उपायुक्त परमजीत सिंह दाहिया ने कहा के खोज कर्ताओं को नाना पाटेकर के विरुद्ध कोर्ट में केस चलाने के लिए आवश्यक सबूत नहीं मिल पाए।
तनुश्री दत्ता ने अक्टूबर २०१८ में नाना पाटेकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कर आरोप किया के उन्होंने २००८ में हॉर्न ओके प्लीज़ के सेट पर उनके साथ छेड़छाड़ की थी। दत्ता को एक डान्स नंबर के लिए साइन किया गया था। आखिरकार उन्हें प्रोजेक्ट से निकाला गया। यह फ़िल्म भी कभी प्रदर्शित नहीं हो पायी।
पिछले वर्ष अक्टूबर में दत्ता ने एक टेलीविजन चैनल को इंटरव्ह्यू दिया था, उसके एक सप्ताह बाद ही ये पुलिस कंप्लेंट दर्ज की गई।
झूम टीवी पर हुए इस इंटरव्ह्यू में दत्ता ने कहा था के फ़िल्म के निर्माता समी सिद्दीकी, निर्देशक राकेश सारंग और नृत्य निर्देशक गणेश आचार्य भी इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे, पर उन्होंने नाना पाटेकर को रोकने की कोशिश नहीं की।
दत्ता के निवेदन को पत्रकार जेनिस सिक्वेरा ने भी सही बताया, जो उस समय पहली बार किसी फ़िल्म शूट पर गयी थीं। सिक्वेरा ने बताया था के उस घटना के बाद जब उन्होंने दत्ता से बात की थी, वहीं बातें उन्होंने इस बार भी सामने लायी हैं। फ़िल्म के एक सहायक निर्देशक शायनी शेट्टी ने भी दत्ता के निवेदन को सही बताया था।
ये घटना उन सभी कम्प्लेंट्स में से सबसे पहली थी जिसे बाद में भारत का #मीटू आंदोलन कहा गया। नाना पाटेकर ने पहले कहा था के वे इस बारे में अधिकृत रूप से प्रेस के सामने बात करेंगे, पर उसके बाद उन्होंने मना कर दिया।
इसी बीच टाइम्स नाउ न्यूज़ चैनल की खबर के अनुसार तनुश्री दत्ता की लीगल टीम ने इस केस को आगे लड़ने की तैयारी दर्शायी है।
न्युजमिनिट डॉटकॉम वेब-साईट ने दत्ता के वकील नितिन सातपुते से इस विषय पर बात की। उन्होंने कहा, "ये छानबीन अधूरी है। हमारे पास गवाह हैं, पर उनके बयान रिकॉर्ड नहीं किये गए। मैं पुलिस के साथ संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूँ, पर अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।"
दत्ता ने एएनआय न्यूज़ एजेंसी को दिए निवेदन में पुलिस पर भी आरोप लगाए।
Tanushee Dutta statement: A corrupt police force & legal system giving a clean chit to an even more corrupt person Nana who has been accused even in the past of bullying,intimidation and harassment by several women in the film Industry. https://t.co/p2zNNTn50I
— ANI (@ANI) June 13, 2019
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