हिंदी फ़िल्मों में क्रिकेट की सुविधा से झूझने वाली कई कहानियां आयी हैं, जिनमे लगान (२००१) और इक़बाल (२००५) भी शामिल हैं। जन्नत (२००८) जैसी फ़िल्म हो या इनसाइड एज (२०१७) जैसी वेब-सीरीज़ हो, इन्होने क्रिकेट के अंदर चल रहे भ्रष्टाचार को अपना विषय बनाया था।
क्रीड़ा पत्रकार से निर्देशिका बनी मिताली घोषाल की २२ यार्ड्स इन दोनो विषयों को एक साथ दर्शाती हैं। ट्रेलर में इन दो विषयों का समूल चित्रण प्रभावी लग रहा है।
फ़िल्म में एक खेल प्रेमी (बरुण सोबती) है जो कोलकाता में एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी चलाता है। वो खिलाड़ियों के विज्ञापन और मार्केटिंग से सम्बंधित काम देखता है। उनके विज्ञापन कैम्पेन, स्पॉन्सरशिप, टेलीविजन सैटेलाइट डील्स के काम भी वही देखता है।
उसका सब ठीक चल रहा होता है के अचानक मिडिया को उसके गलत व्यवहार के बारे में पता चलता है। उसका पतन शुरू होने पर वो उससे उभरने के लिए एक नये होनहार युवा बैट्समैन (अमर्त्य रे) का मार्गदर्शक बनता है।
ये अप्रचलित और हटके कहानी आपका ध्यान आकर्षित करती है। फ़िल्म का ट्रेलर क्रिकेट के व्यावसायिक जगत के अंदर की छोटी छोटी बातों को दिखा कर फ़िल्म में विश्वास निर्माण करता है। वहीं दूसरी ओर ट्रेलर कहानी की कई बातें खोलता है।
सोबती, जो की तू है मेरा सन्डे फ़िल्म में काफ़ी आश्वासक थे, यहाँ चालाक स्पोर्ट एजंट की भूमिका में जंच रहे हैं। अमर्त्य रे भी आश्वासक हैं। फ़िल्म में रजित कपूर एक कोच की भूमिका निभा रहे हैं जो खुद को फिर से उभरने का एक मौका दे रहा है।
२२ यार्ड्स २२ फरवरी को प्रदर्शित हो रही है। ट्रेलर देखें।