दो अभागी इंसान, एक गोपी गवैया और दूसरा बाग़ा बजैया, एक दूसरे से मिलते हैं जब उन दोनों के राज्यों से दोनों भी निष्कासित किये जाते हैं।
सुर से अनजान गोपी ये भी नहीं जानता के वो कितना बेसुरा है और वैसा ही बेसुरा संगीतकार बाग़ा है जिसे अपने खराब संगीत का कोई इल्म नहीं। पर ये दोनों जब एक दूसरे के साथ मिलकर अपनी कला पेश करते हैं, किसी चमत्कार की तरह उन्हें भूत मिलते हैं जिन्हे उनकी कला पसंद आती है और वो खुश होकर उन्हें चार वरदान भी देते हैं।
दो अलग राज्यों में शासन करते जुड़वाँ राजाओं के बीच के युद्ध को समाप्त करके सबको एक साथ लाने के लिए गोपी और बाग़ा अपनी सांगीतिक कलाकारी का इस्तेमाल करते हैं।
इस एनिमेटेड कहानी की मूल कथा उपेन्द्रकिशोर राय चौधरी की है जो भारत के महान फ़िल्मकार सत्यजीत रे के दादाजी थे। प्रसिद्ध एनिमेटर, चित्रकार तथा शिक्षिका शिल्पा रानडे ने इस कहानी को नये अंदाज में लाकर इसे नवजीवन दिया है।
गोपी गवैया बाग़ा बजैया के किरदार और इसकी दुनिया को शिल्पा रानडे ने रचा है और इसे अनिमेट किया है पेपरबोट एनिमेशन स्टुडिओज़ ने।
सौमित्र रानडे ने इसका स्क्रीनप्ले लिखा है। इस फ़िल्म में मज़ेदार गाने भी हैं जिन्हें रोहित गहलावत ने लिखे हैं और फ़िल्म का संगीत दिया है थ्री ब्रदर्स एंड अ वायोलिन ने।
फ़िल्म के पूरे विश्व को देखते हुये ये समझ आता है के ये एक अभूतपूर्व किताब की कहानी को वास्तविकता दे रहा है। फ़िल्म के किरदार तथा इसमें दिखाई गयी दुनिया का लुक लुभावना है।
यह फ़िल्म ७९ मिनिट की है। फ़िल्म के ट्रेलर में इसे भारत की बड़ो के लिए बनायीं गयी बच्चों की पहली फ़िल्म बताया गया है। १९१५ में पहली बार इसके किरदार सामने आये और उसके बाद १९६९ में खुद सत्यजीत रे ने इस कहानी को फ़िल्मी परदे पर लाया। अब शिल्पा रानडे इस कहानी को एनिमेशन के ज़रिये सामने लेकर आ रही हैं।
कराडी टेल्स के साथ चिल्ड्रन्स फ़िल्म सोसायटी ओफ इंडिया ने गोपी गवैया बाग़ा बजैया इस पुरस्कार प्राप्त फ़िल्म का निर्माण किया है। यह फ़िल्म १ मार्च २०१९ को प्रदर्शित होगी।
निचे इस फ़िल्म का ट्रेलर देखें।