अभिनेता अजय देवगन, जो इंद्र कुमार की आगामी फ़िल्म टोटल धमाल में नज़र आएंगे, कहते हैं के ऐसे कुछ पुराने गाने हैं जिन्हें आज फिरसे नए अंदाज़ में लाया जा सकता है और ये भी कहा के हिंदी फ़िल्मों में नए संगीत की कमी है।
देवगन ने कहा के व्यक्तिशः उन्हें पुराने गाने पसंद हैं लेकिन आज के समय में अच्छा लिखा हुआ गाना मिलना मुश्किल हो गया है।
"मैं उस पुराने पीढ़ी से हूँ जिन्हे 1960, 1970 के दशक के गाने पसंद आते हैं। वैसे लिखे हुए गाने आज नहीं मिल सकते। अगर हम गहराई वाले गाने चाहते हैं, तो हमें सचमुच ऐसे गीतकारों को कटोरा लिए ढूंढना पड़ेगा। देखा जाए तो हमारे पास बस दो या तीन अच्छे गीतकार हैं," देवगन ने कहा।
टोटल धमाल में कुछ पुराने हिट गानों के रिमेक्स हैं। उनमे से एक है कर्ज़ (1980) फ़िल्म से किशोर कुमार का सदाबहार हिट गाना 'पैसा ये पैसा' और दूसरा है 'मूंगड़ा' जो राज एन सिप्पी की फ़िल्म इंकार (1977) का मशहूर गाना था।
इस सप्ताह पत्रकारों से बातचीत में नए अच्छे गानों की कमी की वजहों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता। शायद पीढ़ी बदल रही है। शायद वो उस तरस से महसूस नहीं करते या वैसा नहीं सोचते। पर गानों की गहराई निश्चित रूप से बदल गयी है। मैं जिस तरह से किसी चीज़ पर प्रतिक्रिया दूंगा शायद मेरी बेटी उस तरह से प्रतिक्रिया नहीं देगी। शायद हम वो भाव और बदलाव हमारे गीतों में तबदील नहीं कर पा रहे हैं।"
देवगन इस फ़िल्म द्वारा निर्देशक इंद्र कुमार के साथ १५ वर्ष बाद काम कर रहे हैं। पिछली बार वो मस्ती (2004) फ़िल्म में साथ आये थे और उससे भी पहले इश्क़ (1997) फ़िल्म में दोनोंने साथ काम किया था।
देवगन ने बतौर एक्शन हीरो शुरुवात की थी, लेकिन उन्होने इश्क़ फ़िल्म में अपने कॉमिक अदाकारीसे सबको अचंबित कर दिया था।
इसी सप्ताह पत्रकारोंसे बात करते हुए इंद्र कुमार ने कहा था के कैसे अजय देवगन ने इश्क़ फ़िल्म के बैंक चोरी के दृश्य में आमिर ख़ाँ से बेहतर अभिनय किया था।
एक्शनसे कॉमेडी की तरफ बढ़ने की अपनी ही मुश्किलें थीं। "मैं उस समय थोड़ासा चिंतित ज़रूर था। मैं जो कर रहा था, कॉमेडी उससे बिलकुल ही अलग थी। मैं थोड़ासा अस्वस्थ था। आपका अपना एक व्यंग करने का स्वभाव होता है, पर यहाँ आपको किसी और के व्यंग को आज़माना होता है। शुरुवात में ये थोड़ा मुश्किल ज़रूर था पर बाद में आप अपने स्वभाव के अनुसार उसे इस्तेमाल करना शुरू करते हैं। उस समय मैं ने कॉमेडी की नहीं थी, इसलिए मैं किसी और का अनुकरण करता था," देवगन ने कहा।
देवगन ने बताया के 1980 और 1990 के दशक में कॉमेडी कितनी अलग हुआ करती थी। "पहले फ़िल्मों में एक कॉमेडियन हुआ करता था जिसका एक अलग ट्रैक चला करता था। अब दोनों चीज़ें एक हो गयी हैं। पहले कॉमेडी ज़्यादातर शारीरिक हुआ करती थी, पर अब उसे अच्छा लिखना भी ज़रूरी हो गया है। आप सिर्फ़ मुँह बनाकर कुछ नहीं कर सकते। आजकल ये अधिक सूक्ष्म और सीधे चेहरे पर किसी भी भाव दिखाए बिना किया जाता है।"
सिर्फ़ कॉमेडी के बल पर कलाकार टिके नहीं रह सकता, हर किस्म की भूमिकाएं करने पर ही कोई जमे रह सकता है। कुछ वर्ष से पारिवारिक दर्शक देवगन को गोलमाल सीरीज़ के लिए जानते हैं। "मैंने गोलमाल अगेन (2017) जैसी कॉमेडी फ़िल्म की, उसके बाद रेड (2018) जैसी गंभीर फ़िल्म की। अब टोटल धमाल जैसी कॉमेडी है और उसके बाद तानाजी जैसी पीरियड फ़िल्म है। उसके बाद मैं फिरसे कॉमेडी फ़िल्म करना पसंद करूँगा। मैं हमेशा जॉनर को बदलते रहना चाहता हूँ," अपने चुनाव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा।
समय के साथ बदलते रहना ये सिर्फ़ अभिनेता के लिए नहीं बल्कि निर्देशक के लिए भी ज़रूरी है। देवगन ने उसके बारे में कुछ भी नहीं कहा। "आपको समय के साथ बदलना चाहिए। दूसरे लोगों के काम की तरफ देखिये, नयी पीढ़ी की तरफ देखिये। अपने बच्चे, उनके दोस्तों की तरफ देखिये। अगर मैं मेरे बच्चे जैसा सोचते है उसके अनुरूप सोच भी न पाऊँ तो मैं एक पिता के रूप में आज का नहीं रहूँगा," उन्होंने कहा।
अजय देवगन के अलावा टोटल धमाल में अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, रितेश देशमुख, अरशद वारसी और जावेद जाफरी भी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। फ़िल्म आज से प्रदर्शित हो रही है।