अभिषेक चौबे के चंबल के डाकुओं के ड्रामा में रैप के माध्यमसे विद्रोह को रास्ता देने की कोशिश की गयी है।
सोनचिड़िया के इस गाने में अभिषेक नैलवालने 'डाकू गान' के मुक्त छंद बोल को रॉक के रिदम पर भारी आवाज़ में गाया है।
इससे पूर्व आये फ़िल्म के ट्रेलर में जो दृश्य थे उसी प्रकार के दृश्य इस गाने में नज़र आते हैं। इनमें से कुछ दृश्य ट्रेलर से सीधे लिए गए हैं।
एक फरक ये है के यहाँ डाकुओं की तैयारी के दृश्य दिखाए गए हैं। जैसे जैसे मुठभेड़ का रोमांच बढ़ते जाता है, संगीत भी उसी लय में और रोमांचक होता जाता है।
केतन सोढ़ा का संगीत इलेक्ट्रिक बैस से शुरू होता है जो गाने में लगातार रोमांच बनाये रखता है।
सोढ़ा का संगीत और नैलवाल की मुक्तछंद गायकी गाने में गहरे रंग भरते हैं। पर गाने के बोल उतने प्रभावी नहीं हैं। गाने के मध्य में जब गिटार की गति बढ़ती है, तब गाना अपनी चरम सीमा की तरफ बढ़ने लगता है।
नैलवाल की आवाज़ इस गाने की शैली को खूब जचती है। पर विवेक दयाल के गिटार के स्वर आपका ध्यान आकर्षित करनेसे नहीं चूकते।
सोनचिड़िया 1 मार्च को प्रदर्शित हो रही है। गाना निचे देखें।