द सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ फ़िल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने गली बॉय के निर्माताओं को कुछ दृश्यों में कट्स बताये हैं।
रणवीर सिंह और आलिया भट्ट का किसिंग दृश्य तथा कुछ गालियों को काटने के निर्देश दिए हैं।
सीबीएफसी ने एक अल्कोहोल ब्रैंड के ब्रैंडिंग को भी हटाने की मांग की है, जो की फ़िल्म के मिडिया पार्टनर भी है।
गली बॉय को यु/ए प्रमाणपत्र मिला है, जिसका अर्थ है के फ़िल्म को १२ वर्ष से कम उम्र के बच्चे अपने माता पिता के साथ तथा बाकि सभी उम्र के लोग देख सकते हैं।
फ़िल्म वैलेंटाइन डे (14 फरवरी) को सिनेमा घरों में प्रदर्शित हो रही है।
सेंसर बोर्डने निर्माता एक्सेल एंटरटेनमेंट को किसिंग दृश्य को 13 सेकंद कम करने का सुझाव दिया है। साथ ही इस दृश्य को वाइड एंगलसे दर्शाने को कहा है।
कुछ गालियों को हटाने तथा कुछ को बीप आवाज़ देने का सुझाव भी दिया है।
मिडिया पार्टनर की जगह पर रॉयल स्टैग इस अल्कोहोल ब्रैंड के नाम पर भी सेंसर बोर्डने आक्षेप लिया है तथा उसे हटाने का सुझाव दिया है।
भारतीय कानून में अल्कोहोल ब्रैंड के सीधे प्रमोशन की स्वीकृति नहीं है। बहुत बार ये ब्रैंड्स सरोगेट मार्केटिंग के तहत सोडा या मिनरल वॉटर जैसे विज्ञापनों द्वारा अपने ब्रैंड्स की प्रसिद्धि करते हैं।
एक्सेल एंटरटेनमेंट के निर्माता रितेश सिधवानी को सीबीएफसी द्वारा दिए गए सुझावों पर कोई आक्षेप नहीं है। "हमारे लिए ये ठीक है," सिधवानी ने हिंदुस्तान टाइम्स अखबार से बात करते हुए कहा।
सीबीएफसी से जुड़े सूत्रने कहा, "ये छोटे मोटे सुझाव अपेक्षित ही थे। निर्माताओं को भी वे अपेक्षित थे। अपनी फ़िल्म में वो हमेशा ज़्यादा चीज़े भरते हैं जैसे के भड़क दृश्य या गालियों हो। उन्हें भी ये पता होता है के कुछ दृश्यों को सेंसर किया जायेगा। किसी को भी ए प्रमाणपत्र नहीं चाहिए। गली बॉय को यु/ए प्रमाणपत्र मिला है।"
गली बॉय एक स्ट्रीट रैपर मुराद शेख़ (रणवीर सिंह) की कहानी है जो झुग्गी झोपड़ी से उभर कर लोकप्रिय रैपर बनता है।