पुरानी कहावत के अनुसार जो ज़्यादा मेहनत करते हैं, नसीब भी उन्ही के साथ होता है। द ज़ोया फैक्टर (२०१९) में निर्देशक अभिषेक शर्मा नसीब और मेहनत के विरोधाभास को व्यंग और भारत के सबसे पसंदीदा खेल क्रिकेट के माध्यम से दर्शा रहे हैं।
फ़िल्म में सोनम कपूर आहूजा ज़ोया सोलंकी की भूमिका में भारतीय क्रिकेट टीम की लकी मैस्कॉट बनी हैं। दुलकर सलमान टीम के कप्तान की भूमिका में हैं, जो इन बातों पर अधिक विश्वास नहीं रखते।
ट्रेलर की शुरुवात २५ जून १९८३ से होती है जिस दिन भारत ने क्रिकेट विश्वकप पहली बार जीता था और उसी दिन ज़ोया सोलंकी का जन्म हुआ था। ज़ोया के पिता (संजय कपूर) ये समझने लगते हैं के इस लड़की का नसीब एक दिन उसे मशहूर कर देगा। पर ज़ोया को नौकरी, ब्रेकअप और बाकि तकलीफों का सामना करना ही पड़ता है।
एक दिन उसे एक एड एजेंसी द्वारा भारतीय क्रिकेट टीम को कवर करने भेजा जाता है। भारतीय टीम का कप्तान निखिल खोड़ा (दुलकर सलमान) अभी बॅड पैच से गुजर रहा है।
धीरे धीरे नसीब बदलता है और ज़ोया नाम का सिक्का अपना असर दिखाने लगता है और अचानक वो मशहूर होती है। ज़ोया अपने जीवन की ऊंचाइयों पर है, पर भारतीय टीम के कप्तान निखिल से उसका प्रेम जीवन गोते खाने लगता है।
ट्रेलर में कोई भी चीज़ छुपाने की कोशिश नहीं की गयी है। अनुजा चौहान की इसी नाम की किताब पर आधारित इस फ़िल्म में सोनम कपूर आहूजा और दुलकर सलमान पहली बार साथ काम कर रहे हैं।
युवा, खुशमिज़ाज़ ज़ोया के रूप में सोनम अच्छी लग रही हैं, वहीं दुलकर नए ज़माने के मिडिया-सैवी क्रिकेट कप्तान की भूमिका में आश्वासक लगते हैं। विराट कोहली की भांति उनका दिखना और विराट का अनुष्का शर्मा के साथ बॉलीवुड कनेक्शन इन संयोगों को यहाँ खूबी से इस्तेमाल किया गया है।
कारवां (२०१८) के बाद दुलकर की ये दूसरी हिंदी फ़िल्म है। यहाँ उनकी हिंदी में भी काफ़ी सुधार नज़र आता है।
ट्रेलर मज़ेदार, मस्तीभरा और हलके फुलके व्यंग के माध्यम से एक अच्छा माहौल बनाने में कामयाब हुआ है। नसीब और चार्म, जिनकी बात हमेशा भारत में होती है, इनका यहाँ हलके अंदाज़ से मजाक किया गया है।
द ज़ोया फैक्टर २० सितंबर को प्रदर्शित होगी।