लगता है के पीएम नरेंद्र मोदी फ़िल्म के निर्माता एक सुनियोजित रणनीति के तहत मोदी द्वारा पिछले कुछ वर्षो में इस्तेमाल किये गए शब्दों को इस बायोपिक में इस्तेमाल कर रहे हैं।
जो दो डायलॉग प्रमोज इससे पूर्व जारी किए गए हैं, उनमें चौकीदार शब्द का प्रयोग मुख्य रूप से किया गया है। विद्यमान प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पिछले महीने से 'मैं भी चौकीदार' कैम्पेन शुरू किया है।
पिछले कुछ वर्षों में विद्यमान प्रधानमंत्री ने अपने आप को कई बार फकीर बुलाया है। उनके एक भाषण का एक प्रसिद्ध वाक्य है, "अरे, हम तो फकीर आदमी हैं। झोला उठाके चल पड़ेंगे जी।" कवी, गीतकार तथा सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फ़िल्म सर्टिफिकेशन के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने पिछले वर्ष लन्दन में लिए गए मोदी के इंटरव्ह्यू में इसी शब्द पर ज़ोर दिया था।
अब फ़िल्म का 'फकीरा' गाना सामने आया है। ये मोदी (विवेक आनंद ओबेरॉय) के जीवन का ऐसा पड़ाव लगता है जब वे चलते फिरते फकीर बने थे ऐसा दावा किया जाता है। अपने माँ (ज़रीना वहाब) से विदा लेते हुए दृश्य से इस गाने की शुरुवात होती है। हिमालय की वादियों के खूबसूरत दृश्य हम इस गाने में देख सकते हैं।
इस गाने के दिखाए गए दृश्यों के अनुसार मोदी दूसरे फकीर से मिलने से पूर्व कई सारी शारीरिक और मानसिक मुश्किलों से गुजरे। दूसरे दिग्गज फकीर की भूमिका में वरिष्ठ अभिनेता सुरेश ओबेरॉय हैं। वे इस फ़िल्म के सह निर्माता भी हैं।
फकीर की भूमिका में विवेक ओबेरॉय उतने प्रभावी नहीं लग रहे हैं। पर एक गाने के तौर पर 'फकीरा' बेहतरीन है। राजा हसन और शशि सुमन की आवाज़ में ये गाना बेहद प्रभावी लग रहा है। मेघदीप बोस के संगीत में ऊँचे और छोटे नोट्स पर बेहतरीन काम किया गया है।
ओमंग कुमार बी द्वारा निर्देशित पी एम नरेंद्र मोदी फ़िल्म ५ अप्रैल को प्रदर्शित हो रही है। गाना यहाँ देखें।