पहले समारोह का सूत्र संचालन नेहा धूपिया ने किया।
पहले क्रिटिक्स चॉइस फ़िल्म अवार्ड्स में अंधाधुन, तुम्बाड ने मारी बाज़ी, आलिया बनी सर्वोत्तम अभिनेत्री
मुम्बई - 22 Apr 2019 19:34 IST
Updated : 23 Apr 2019 20:44 IST
Our Correspondent
पहली बार भारतीय फ़िल्म समीक्षकों ने एक साथ आकर सर्वोत्तम फ़िल्म अवार्ड्स देने की ठानी और वर्ष २०१८ की फिल्मों से इसका आगाज़ किया गया है। श्रीराम राघवन की अंधाधुन और राही अनिल बर्वे निर्देशित तथा आदेश प्रसाद सह निर्देशित तुम्बाड को क्रमशः चार और तीन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
राज़ी फ़िल्म के लिए आलिया भट्ट को सर्वोत्तम अभिनेत्री का सम्मान मिला और मुक्काबाज़ के दमदार अभिनय के लिए विनीत कुमार सिंह को सर्वोत्तम अभिनेता चुना गया। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के अलावा कन्नड़, तमिल, मल्यालम, गुजराती, मराठी और बंगाली भाषा की फ़िल्मों को भी सम्मानित किया गया।
समारोह का सूत्र संचालन अभिनेत्री नेहा धूपिया ने किया। नेहा धूपिया ने सुपरस्टार शाह रुख ख़ाँ को मंच पर आमंत्रित किया, जिन्होंने फ़िल्म समीक्षकों पर उन्ही के ज़ुबान में टिपण्णी की। आगे उन्होंने कहा, "सर्वोत्तम फ़िल्म समीक्षण एक कला है जिससे फ़िल्म की सुंदरता का पता चलता है।"
The full @iamsrk address from last night's #CriticsChoiceFilmAwards. Khan started by roasting @anupamachopra and @RajeevMasand, then spoke of the evolving role of the critic, and warned us about ending up "no brains and all thumbs."
— Raja Sen (@RajaSen) April 22, 2019
Top speech, SRK.https://t.co/5eJWf47fsq
इस समारोह का सबसे खास सम्मान स्टंटवुमन रेश्मा पठान को दिया गया जो फ़िल्म शोले (१९७५) में हेमा मालिनी की डमी बनी थीं। निर्देशक रमेश सिप्पी तथा स्क्रीनरायटर जावेद अख़्तर ने उन्हें एक्स्ट्राऑर्डिनरी अचीवमेंट अवार्ड देकर सम्मानित किया।
So proud that the first ever Extraordinary Achievement Award at the #CriticsChoiceFilmAwards (CCFA) was presented to ‘India’s first stuntwoman’ Reshma Pathan. How fitting that Sholay writer Javed Akhtar & director Ramesh Sippy did the honors pic.twitter.com/smgfksc55u
— Rajeev Masand (@RajeevMasand) April 21, 2019
समीक्षकों द्वारा गठित इस समिति में अनुपमा चोपड़ा, राजीव मसंद, भारती प्रधान, अजय ब्रह्मात्मज, भावना सोमैय्या, रोहित खिल्नानी, सैबल चटर्जी, शुभा शेट्टी सहा, सचिन चट्टे, स्तुति घोष, सुचारिता त्यागी और ट्रॉय रिबेरो शामिल हैं।
पुरस्कारों की सूचि यहाँ देखें।
सर्वोत्तम फ़िल्म (हिंदी)
अंधाधुन
सर्वोत्तम निर्देशक
श्रीराम राघवन – अंधाधुन
सर्वोत्तम अभिनेत्री
आलिया भट्ट – राज़ी
सर्वोत्तम अभिनेता
विनीत कुमार सिंह – मुक्काबाज़
सर्वोत्तम सहायक अभिनेत्री
सुरेखा सिक्री – बधाई हो
सर्वोत्तम सहायक अभिनेता
मनोज पाहवा – मुल्क
सर्वोत्तम गीत
'हल्ला' – मनमर्ज़ियाँ
सर्वोत्तम पार्श्वसंगीत
जेस्पर किड – तुम्बाड
सर्वोत्तम लेखन
श्रीराम राघवन, अरिजीत बिस्वास, हेमंत राव, पूजा लधा सुरति और योगेश चांदेकर – अंधाधुन
सर्वोत्तम एड़िटिंग
पूजा लधा सुरति – अंधाधुन
सर्वोत्तम सिनेमैटोग्राफी
पंकज कुमार – तुम्बाड
सर्वोत्तम प्रॉडक्शन डिज़ाइन
नितिन ज़ेहनी चौधरी और राकेश यादव – तुम्बाड
सर्वोत्तम फ़िल्म (कन्नड़)
ओंदल्ला इरादल्ला
सर्वोत्तम फ़िल्म (तमिल)
परियेरुम पेरुमल
सर्वोत्तम फ़िल्म (मल्यालम)
ई मा यौं
सर्वोत्तम फ़िल्म (गुजराती)
रेवा
सर्वोत्तम फ़िल्म (मराठी)
लेथ जोशी
सर्वोत्तम फ़िल्म (बंगाली)
प्यूपा
एक्स्ट्राऑर्डिनरी अचीवमेंट अवार्ड – रेश्मा पठान
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