राजकुमार राव और कंगना रनौत अभिनीत फ़िल्म मेन्टल है क्या इंडियन सायकिएट्रिस्ट्स असोसिएशन की वजह से विवादों में घिरी है। असोसिएशन के सदस्यों ने शुक्रवार को सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फ़िल्म सर्टिफिकेशन (सी बी एफ सी) को लिखा के फ़िल्म के शीर्षक को बदला जाए क्योंकि यह शीर्षक दिमागी बीमारियों से गुज़र रहे लोगों के लिए आपत्तिजनक है।
फ़िल्म के निर्माताओं ने पहले ही फ़िल्म के कुछ पोस्टर्स जारी किए हैं। हाल ही में जारी किए गए पोस्टर में दोनों मुख्य कलाकार अपने जीभ पर रेज़र ब्लेड रखे हुए नज़र आते हैं।
कमिटी ने अपने खत में सी बी एफ सी को लिखा, "हम फ़िल्म के शीर्षक के प्रति आपत्ति जताते हैं क्योंकि यह शीर्षक दिमागी परेशानियां और उससे गुज़र रहे लोगों के प्रति भेदभावपूर्ण, अवहेलनादायक, असंवेदनशील तथा अमानवीय रूप को दर्शाता है।"
कमिटिने आगे कहा के इस शीर्षक को बदला जाए ताकि ऐसी असंवेदनशीलता को फ़िल्म के ज़रिये और बढ़ावा न दिया जा सके।
कंगना रनौत ने इससे पूर्व बताया था के उनके शुरुवाती दिनों में वे निराशा के घेरे से गुज़री थी।
इस आलोचना के जवाब में फ़िल्म निर्माताओं ने अपने निवेदन में फ़िल्म के बचाव को सामने रखा। उन्होंने कहा, "उन्हें ऐसा लग रहा है के फ़िल्म का शीर्षक दिमागी बीमारियों से झूझ रहे लोगों के प्रति अवमानजनक है। पर फ़िल्म के निर्माता ये सोचते हैं के उनकी फ़िल्म मेन्टल है क्या लोगों को ऐसे लोगों को गले लगाकर उनके विशेषता को समझने के लिए प्रेरित करेगी।"
निवेदन में आगे लिखा गया है, "एकता कपूर की बालाजी मोशन पिक्चर्स द्वारा निर्मित तथा राजकुमार राव और कंगना रनौत द्वारा अभिनीत मेन्टल है क्या फ़िल्म में कुछ कुशल और ज़िम्मेदार मिडिया व्यक्तित्व एक साथ आ रहे हैं, जो किसी भी प्रकार से किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। फ़िल्म के निर्माता इस बात को स्पष्ट करना चाहते है के मेन्टल है क्या फीचर फ़िल्म दर्शकों के मनोरंजन हेतु बनाई गई है और इस फ़िल्म द्वारा वे किसी भी व्यक्ति को ठेस पहुंचाना, अवमान करना या उनकी अवहेलना करना नहीं चाहते। यह फ़िल्म एक मुख्यधारा की फ़िल्म है जिससे यह मुद्दा अधिक लोगों तक पहुंच सकता है।"
मेन्टल है क्या फ़िल्म का निर्देशन प्रकाश कोवेलामुडी ने किया है। फ़िल्म में राजकुमार राव और कंगना रनौत मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह फ़िल्म २१ जून को प्रदर्शित हो रही है।